Rahul Gandhi dual citizenship case Allahabad HC grants home ministry 10 day extension to submit final report.

राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से स्पष्ट रिपोर्ट देने को कहा है. हाई कोर्ट ने कहा सिर्फ यह रिपोर्ट दीजिए कि राहुल गांधी नागरिक हैं या नहीं.

कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार को 10 दिन का समय दिया है. 10 दिन में केंद्र सरकार को राहुल गांधी की नागरिकता पर अपना निर्णय लेकर कोर्ट को बताना होगा. 5 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी.

आज केंद्र सरकार ने दाखिल की थी स्टेटस रिपोर्ट

दरअसल, आज केंद्र सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई थी. मगर कोर्ट ने इसे पर्याप्त नहीं माना. याचिका में दावा किया गया है कि राहुल गांधी की नागरिकता संदिग्ध है. इसके आधार पर उनकी लोकसभा सदस्यता को भी चुनौती दी गई है. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार को 10 दिन के अंदर तथ्यों के साथ जवाब देने को कहा है. दोहरी नागरिकता के मामले राहुल गांधी पर आरोप है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है और यह सवाल कई वर्षों से चर्चा में हैं.

SC ने 2019 में इस मामले को कर दिया था खारिज

इसी मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के आरोपों को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि केवल किसी कंपनी के दस्तावेज में ब्रिटिश नागरिकता का उल्लेख होने से राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक नहीं हो जाते. 2024 और 2025 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस मामले पर याचिकाएं दायर की गईं.

याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उनके पास ब्रिटिश सरकार के दस्तावेज और ईमेल हैं, जो राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को साबित करते हैं. इसी मामले में सोमवार को सुनवाई हुई.

कोर्ट ने गृह मंत्रालय से इस पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है और मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी. यह मामला 2019 में तब सुर्खियों में आया जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड के दस्तावेजों में अपनी राष्ट्रीयता ब्रिटिश घोषित की थी.

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